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पीएम मोदी के इस एक इशारे से शुरू हुआ था जीएसटी सुधार का काम, जो अब बदलेगा हर घर का बजट

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में जीएसटी काउंसिल ने टैक्स व्यवस्था में बड़ा और बहुप्रतीक्षित सुधार करते हुए नया ढांचा पेश किया है. अब तक के चार टैक्स स्लैब्स (5%, 12%, 18% और 28%) की जगह सिर्फ दो मुख्य स्लैब 5% और 18% होंगे. इसके साथ ही रोजमर्रा की जरूरी चीजों को पूरी तरह टैक्स फ्री कर दिया गया है.

22 सितंबर से लागू होने वाले इस बदलाव के बाद करीब 400 उत्पादों की कीमतों में सीधी बड़ी कटौती देखने को मिलेगी. इसमें साबुन, शैंपू, ट्रैक्टर, कार, एयर कंडीशनर जैसी आम और खास दोनों श्रेणियों के उत्पाद शामिल हैं. सरकार का मानना है कि इस फैसले से न सिर्फ उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि देश की खपत और आर्थिक ग्रोथ को भी मजबूती मिलेगी.

एक इशारे से शुरू हुई जीएसटी सुधार की कहानी

इस बड़े बदलाव की पृष्ठभूमि दिसंबर 2024 से जुड़ी है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त मंत्री से कहा था, एक बार आप जीएसटी देख लो!. इसके बाद सीतारमण ने न सिर्फ टैक्स स्लैब की जटिलताओं की समीक्षा शुरू की, बल्कि छोटे और मझोले कारोबारों के लिए जीएसटी को और अधिक सहज और सरल बनाने पर भी जोर दिया.

पीटीआई को दिए इंटरव्यू में वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने उन्हें बार-बार यह सुनिश्चित करने को कहा कि जीएसटी आम कारोबारियों के लिए बोझ नहीं बल्कि सहायक बने. वित्त मंत्री ने कहा कि जब बजट की तैयारियां चल रही थीं, तब प्रधानमंत्री ने एक बार फिर याद दिलाया “आप जीएसटी पर काम कर रही हैं ना?” इसके बाद वित्त मंत्रालय ने व्यापक स्तर पर स्टडी की और तकनीकी तैयारियों को परखा.

टैक्स स्लैब घटाए गए, जरूरी चीजें टैक्स फ्री

जीएसटी काउंसिल की 3 सितंबर को हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगी. बैठक से पहले केंद्र सरकार ने 6 राज्यों के मंत्रियों के समूह (GoM) के साथ मिलकर इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया था. GoM ने 12% और 28% वाले स्लैब हटाकर केवल 5% और 18% पर सहमति जताई. इसके अलावा 40% का विशेष टैक्स केवल तंबाकू और अल्ट्रा लग्जरी उत्पादों पर लगाया जाएगा. इस फैसले के तहत अब ब्रेड, दूध, पनीर जैसी आवश्यक चीजों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. वहीं, इलेक्ट्रिक वाहन और छोटी कारों पर 5% टैक्स और घरेलू उपभोग की अन्य वस्तुओं पर 18% टैक्स लगेगा.

उपभोक्ताओं को मिलेगा सीधा लाभ

वित्त मंत्री ने इस बदलाव को “जन सुधार” की संज्ञा दी है. उनका कहना है कि इससे देश के हर नागरिक को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से फायदा होगा. विशेषकर उन उत्पादों की कीमतों में कमी आएगी, जो हर घर में इस्तेमाल होते हैं. इसके अलावा, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर दिए जाने वाले प्रीमियम अब टैक्स फ्री होंगे, जिससे मध्यम वर्ग को अतिरिक्त राहत मिलेगी. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इस बार सुधार सिर्फ टैक्स रेट तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनका फोकस इस पूरे सिस्टम को छोटे और मझोले व्यापारियों के लिए ज्यादा अनुकूल बनाने पर है.

22 सितंबर से लागू होगा नया जीएसटी ढांचा

सरकार ने साफ किया है कि 22 सितंबर से यह नया जीएसटी ढांचा लागू हो जाएगा, जो नवरात्रि के पहले दिन से शुरू होगा. इससे पहले सारा बैकएंड सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया जाएगा ताकि नए टैक्स रेट्स का सही और समय पर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके. सीतारमण ने कहा कि उनका अगला फोकस यह सुनिश्चित करना होगा कि व्यवसाय टैक्स रेट में की गई कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह सुधार ब्याज दरों में कटौती से कहीं आगे जाता है और देश की अर्थव्यवस्था में एक नई ऊर्जा का संचार करेगा.